Mondays, or Somvar, in the month of Shravan (July – August) is considered highly auspicious for praying to Lord Shiva. It is believed that the worship of Shiva during Shrawan month is 108 times more powerful than worshipping during normal days. Millions of devout Hindus observe the Shravan Somwar Vrat – fasting and performing Pujas on Mondays in Sawan Month.
Here is a brief procedure to observe Shravan Somvar Vrat
After the morning bath and other purification rituals.
Lord Ganesha is first prayed to.
Next, Lord Shiva is prayed to by chanting Om Namah Shivaya.
The offerings that are made are Bilva leaves, white flowers, water, honey and milk.
If you have Shivling at home you can do abhishek with water, honey or milk.
Fasting on the day is from sunrise to sunset.
You can chant Maha Mritunjaya Mantra or Om Namah Shivaya on the day.
Those who observe fast on Mondays in some regions wear only white clothes.
Those observe partial fast eat fruits.
Some devotees read the Shiva Purana on the day.
Those people who live along the banks of Ganga use water from Ganga to perform abhishek on the Shivling.
The fast is broken in the evening after praying to Lord Shiva. Some devotees visit a Shiva Shrine during the period. Some devotees opt for a 24-hour fast and they break the fast on the next day morning.
It is believed that those who observe Somwar vrat will have their desires fulfilled and will be blessed with wisdom. In some areas, fasting on Mondays is observed by unmarried women to get a good husband.
It must be noted that Monday is dedicated to Lord Shiva and there are devout Hindus who observe vrat on all Mondays in a year.
सावन सोमवार के व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। प्राचीन शास्त्रों के अनुसार सोमवार के व्रत तीन तरह के होते हैं। सोमवार, सोलह सोमवार और सौम्य प्रदोष। सोमवार व्रत की विधि सभी व्रतों में समान होती है। इस व्रत को सावन माह में आरंभ करना शुभ माना जाता है।
सावन सोमवार व्रत सूर्योदय से प्रारंभ कर तीसरे पहर तक किया जाता है। शिव पूजा के बाद सोमवार व्रत की कथा सुननी आवश्यक है। व्रत करने वाले को दिन में एक बार भोजन करना चाहिए।
सावन सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में सोकर उठें।
पूरे घर की सफाई कर स्नानादि से निवृत्त हो जाएँ।
गंगा जल या पवित्र जल पूरे घर में छिड़कें।
घर में ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
पूरी पूजन तैयारी के बाद निम्न मंत्र से संकल्प लें-
सावन सोमवार के व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। प्राचीन शास्त्रों के अनुसार सोमवार के व्रत तीन तरह के होते हैं। सोमवार, सोलह सोमवार और सौम्य प्रदोष। इस व्रत को सावन माह में आरंभ करना शुभ माना जाता है।
इसके पश्चात निम्न मंत्र से ध्यान करें-
ध्यान के पश्चात 'ऊँ नमः शिवाय' से शिवजी का तथा 'ऊँ नमः शिवायै' से पार्वतीजी का षोडशोपचार पूजन करें।
पूजन के पश्चात व्रत कथा सुनें।
तत्पश्चात आरती कर प्रसाद वितरण करें।
इसकें बाद भोजन या फलाहार ग्रहण करें।
सावन सोमवार व्रत फल
सोमवार व्रत नियमित रूप से करने पर भगवान शिव तथा देवी पार्वती की अनुकम्पा बनी रहती है।
जीवन धन-धान्य से भर जाता है।
सभी अनिष्टों का भगवान शिव हरण कर भक्तों के कष्टों को दूर करते हैं।
Here is a brief procedure to observe Shravan Somvar Vrat
After the morning bath and other purification rituals.
Lord Ganesha is first prayed to.
Next, Lord Shiva is prayed to by chanting Om Namah Shivaya.
The offerings that are made are Bilva leaves, white flowers, water, honey and milk.
If you have Shivling at home you can do abhishek with water, honey or milk.
Fasting on the day is from sunrise to sunset.
You can chant Maha Mritunjaya Mantra or Om Namah Shivaya on the day.
Those who observe fast on Mondays in some regions wear only white clothes.
Those observe partial fast eat fruits.
Some devotees read the Shiva Purana on the day.
Those people who live along the banks of Ganga use water from Ganga to perform abhishek on the Shivling.
The fast is broken in the evening after praying to Lord Shiva. Some devotees visit a Shiva Shrine during the period. Some devotees opt for a 24-hour fast and they break the fast on the next day morning.
It is believed that those who observe Somwar vrat will have their desires fulfilled and will be blessed with wisdom. In some areas, fasting on Mondays is observed by unmarried women to get a good husband.
It must be noted that Monday is dedicated to Lord Shiva and there are devout Hindus who observe vrat on all Mondays in a year.
सावन सोमवार के व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। प्राचीन शास्त्रों के अनुसार सोमवार के व्रत तीन तरह के होते हैं। सोमवार, सोलह सोमवार और सौम्य प्रदोष। सोमवार व्रत की विधि सभी व्रतों में समान होती है। इस व्रत को सावन माह में आरंभ करना शुभ माना जाता है।
सावन सोमवार व्रत सूर्योदय से प्रारंभ कर तीसरे पहर तक किया जाता है। शिव पूजा के बाद सोमवार व्रत की कथा सुननी आवश्यक है। व्रत करने वाले को दिन में एक बार भोजन करना चाहिए।
सावन सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में सोकर उठें।
पूरे घर की सफाई कर स्नानादि से निवृत्त हो जाएँ।
गंगा जल या पवित्र जल पूरे घर में छिड़कें।
घर में ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
पूरी पूजन तैयारी के बाद निम्न मंत्र से संकल्प लें-
सावन सोमवार के व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। प्राचीन शास्त्रों के अनुसार सोमवार के व्रत तीन तरह के होते हैं। सोमवार, सोलह सोमवार और सौम्य प्रदोष। इस व्रत को सावन माह में आरंभ करना शुभ माना जाता है।
मम क्षेमस्थैर्यविजयारोग्यैश्वर्याभिवृद्धयर्थं सोमव्रतं करिष्ये
इसके पश्चात निम्न मंत्र से ध्यान करें-
ध्यायेन्नित्यंमहेशं रजतगिरिनिभं चारुचंद्रावतंसं रत्नाकल्पोज्ज्वलांग परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम्। पद्मासीनं समंतात्स्तुतममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं विश्वाद्यं विश्ववंद्यं निखिलभयहरं पंचवक्त्रं त्रिनेत्रम्॥
ध्यान के पश्चात 'ऊँ नमः शिवाय' से शिवजी का तथा 'ऊँ नमः शिवायै' से पार्वतीजी का षोडशोपचार पूजन करें।
पूजन के पश्चात व्रत कथा सुनें।
तत्पश्चात आरती कर प्रसाद वितरण करें।
इसकें बाद भोजन या फलाहार ग्रहण करें।
सावन सोमवार व्रत फल
सोमवार व्रत नियमित रूप से करने पर भगवान शिव तथा देवी पार्वती की अनुकम्पा बनी रहती है।
जीवन धन-धान्य से भर जाता है।
सभी अनिष्टों का भगवान शिव हरण कर भक्तों के कष्टों को दूर करते हैं।
No comments:
Post a Comment